नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली से अनिवार्य फिटनेस दिनचर्या के बारे में पूछा तो कोहली ने उन्हें बताया कि कैसे ‘यो- यो टेस्ट ’ ने भारतीय क्रिकेटरों को उच्च स्तर पर फिटनेस हासिल करने में मदद की है। प्रधानमंत्री मोदी ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की पहली वर्षगांठ के मौके पर फिटनेस के प्रति जागरूक हस्तियों और विशेषज्ञों से बात कर रहे थे। मोदी ‘यो यो टेस्ट’ के बारे में जानना चाहते थे और उन्होंने कोहली से यह भी पूछा कि उन्हें भी इससे गुजरना पड़ता है या छूट है।
मोदी ने कहा, ‘ मैंने सुना है कि आजकल टीम में यो यो टेस्ट होता है, यह क्या है।’ कोहली ने मुस्कुराकर जवाब दिया, ‘ फिटनेस के नजरिये से यह काफी अहम टेस्ट है। हम फिटनेस के वैश्विक स्तर की बात करें तो अभी दूसरी टीमों से हम पीछे हैं और हमें यह स्तर बेहतर करना है।’ इस टेस्ट में खिलाड़ी को दो कोन के बीच लगातार भागना होता है जो 20 मीटर की दूरी पर रहते हैं। जब सॉफ्टवेयर पहली बीप देता है तो खिलाड़ी एक कोन से दूसरे कोन की तरफ भागता है। जब खिलाड़ी दूसरे कोन पर पहुंचता है तो दूसरी बीप सुनाई देती है। इस तरह समय दर्ज होता रहता है और आखिर में फिटनेस स्कोर के माध्यम से सॉफ्टवेयर बताता है कि खिलाड़ी फिट है या नहीं।
इस समय इंडियन प्रीमियर लीग खेलने यूएई में मौजूद कोहली ने कहा कि उन्हें भी भारतीय टीम में चयन के लिये इस टेस्ट से गुजरना होता है। कोहली ने कहा, ‘मैं सबसे पहले दौड़ने जाता हूं और अगर मैं टेस्ट में फेल हो गया तो मेरा भी चयन नहीं होगा । यह परंपरा बनाना जरूरी है ताकि समग्र फिटनेस का स्तर बेहतर हो सके।’
इस सत्र में पैरालम्पिक भालाफेंक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झझारिया और जम्मू कश्मीर की महिला फुटबॉलर अफशां आशिक ने भी भाग लिया। अभिनेता, मॉडल और धावक मिलिंद सोमण और डाइटिशियन ऋतुजा दिवेकर भी इसमें शामिल थे। श्रीनगर में 2017 में पत्थरबाज के तौर पर सुर्खियों में आई अफशां से भी प्रधानमंत्री ने बात की। जम्मू कश्मीर फुटबॉल टीम में गोलकीपर अफशां बाद में एफसी कोल्हापूर सिटी के लिये भारतीय महिला लीग 2019 में खेली। वह श्रीनगर में युवाओं को प्रशिक्षण भी देती है।
मोदी ने कहा, ‘आपने फुटबॉल में बहुत अच्छा किया है। अधिकांश फुटबालप्रेमी कहते हैं ‘बेंड इट लाइक बैकहम’ लेकिन अब वे कहेंगे ‘ऐस इट लाइक अफशां।’ अफशां ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरणा लेती है। उन्होंने कहा, ‘ मैं अपने दिमाग को शांत रखने के लिये रोज सुबह साढे पांच बजे ध्यान करती हूं। मैंने एम एस धोनी से बहुत कुछ सीखा है जो हमेशा शांत रहते हैं। मुझे भी जीवन में शांति चाहिये जिससे हर काम शांति से करने में मदद मिले। इससे मानसिक तनाव कम होता है।’
कोहली ने कहा कि बेहतर फिटनेस से खिलाडिय़ों, खासकर तेज गेंदबाजों को निर्णायक क्षणों में अच्छे प्रदर्शन में मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में कई बार हम थक जाते हैं । इस समय हमारे तेज गेंदबाज दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं और चौथे पांचवें दिन भी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।’ कोहली ने कहा, ‘ हमारे पास कौशल हमेशा से था लेकिन निर्णायक मौकों पर जब टीम को आपकी जरूरत है लेकिन शरीर थक गया है तो प्रदर्शन खराब हो जाता था और विरोधी टीम जीत जाती थी । लेकिन अब हमारी फिटनेस ऐसी है कि उन अहम क्षणों में भी हम अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।’
कोहली ने कहा कि शुरूआत में ‘डाइट’ को लेकर वह इतने जागरूक नहीं थे। उन्होंने जीवनशैली में आमूलचूल बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘ जब मैंने खेलना शुरू किया तो बहुत सी चीजें ऐसी खाता था जो सेहत के लिये अच्छी नहीं थी। शारीरिक फिटनेस और डाइट में बदलाव जरूरी था। जीवन इतना व्यस्त हो गया है कि फिटनेस पर ध्यान नहीं देंगे तो पीछे रह जायेंगे। अगर हम अपनी फिटनेस पर फोकस नहीं करते तो खेल में भी पीछे रह जाते। हम सिर्फ अपनी तकनीक पर निर्भर नहीं कर सकते क्योंकि मानसिक ताकत शरीर और दिमाग की फिटनेस से आती है।’
मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लोग अब स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर सेहतमंद खाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लोगों को लगता है कि फिट होना मुश्किल है लेकिन ऐसा नहीं है। इसमें थोड़े अनुशासन की जरूरत है। ‘फिटनेस की डोस, आधा घंटा रोज’। हर भारतीय को कोई खेल खेलना चाहिये या फिटनेस के लिये किसी गतिविधि में भाग लेना चाहिये। टेनिस, बैडमिंटन, कबड्डी या कुछ भी । रोज कम से कम आधा घंटा।’