नई दिल्ली। आंदोलन की आड़ में दिल्ली में दंगे की थी साजिश, शनिवार रात को कनाडा से पहले कश्मीर और फिर पंजाब के गुरदासपुर की कॉल इंटरसेप्ट न होती और तो भारत बंद के दौरान बड़ी हिंसा हो सकती थी। यह हिंसा सिंघू या टीकरी बार्डर पर बड़े पैमाने पर होती। दूसरी तरफ बब्बर खालसा के शूटर संघ के बड़े नेताओं को निशाना बनाते।
हालांकि आतंकी साजिश को एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने फेल करते हुए ठीक 24 घंटे पहले खालिस्तानी सर्मथक आतंकी सहित आईएसआई एजेंटों को गिरफ्तार किया है। दावा है कि ये लोग अपने प्लान को तैयार कर चुके थे, बस हथियार और पैसे इन्हें मिलने थे, जिसके बाद मंगलवार के किसान प्रदर्शन के दौरान इन्हें वारदात को अंजाम देना था।
दिल्ली में दंगे की थी साजिश
बता दें कि खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के कनाडा से अक्सर तार जुड़े होने के कनेक्शन मिलते हैं और प्रदर्शन में इस बात के संकेत भी थे। नतीजतन प्रदर्शन के बाद से ही कनाडा से आने जाने वाली हर संदिग्ध कॉल पर नजर रखी जा रही थी।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी प्रमोद कुश्वाहा ने बताया कि मामले मेंं अभी कई और खुलासे बाकी हैं और इनके कितने साथी कहां कहां मौजूद हैं, इसकी भी जांच चल रही है। उनके मुताबिक खालिस्तानी आतंकी सुख भिखारीवाल ने पंजाब से दो कथित आतंकी व शार्प शूटर दिल्ली राइट विंग नेताओं की हत्या के लिए भेजे हैं।
इनको कुछ कश्मीरी युवकों से पूर्वी दिल्ली के रमेश पार्क इलाके में मिलना था। वहां कश्मीरी कथित आतंकी इन दोनों खालिस्तानी शार्प शूटरों को फंडिंग के लिए नकदी व हेरोइन सौंपने वाले थे। करीब आठ करोड़ की हेरोइन को बेचकर इस पैसे को टेरर किलिंग में इस्तेमाल किया जाना था।
बता दें कि सुख भिखारीवाल ने आईएसआई और खालिस्तान का सपना देख रहे लोगों के इशारे पर इनसे बलविंदर की हत्या कराई थी, जिसके बाद से गिरफ्तार गुरजीत व सुखदीप अंडरग्राउंड थे और अब दोनों सुख भिखारीवाल के इशारे पर दिल्ली आए थे।
पूछताछ के दौरान गुुरजीत और सुखदीप ने बताया कि सुख भिखारीवाल ने जेल में बंद गैंगस्टर रविंदर सिंह उर्फ गियानी के जरिये दोनों को हायर किया था। इसके बाद लगातार वे भिखारीवाल के लिए काम कर रहे थे। दूसरी ओर पकड़े गए कश्मीरी आतंकी अय्यूब पठान का सीधा संबंध हिजबुल से निकला है। वह अपने चचेरे भाई अब्दुल मजीद खान, जो फिलहाल पाकिस्तान के रावलपिंडी में बैठा है, के इशारे पर काम कर रहा था।
अब्दुल मजीद ने पाकिस्तानी कोड नेम सदाकत से अय्यूब को मिलवाया था। सदाकत ने ही अय्यूब व बाकी दोनों कश्मीरी युवकों को नारको टेरेरिज्म के लिए दो किलो हेरोइन व एक लाख कैश दोनों खालिस्तानी शूटरों को देने दिल्ली भेजा था।