नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में आज उत्तर प्रदेश के हाथरस में जातीय हिंसा के मामले में आरोपी सिद्दीकी कप्पन के परिवार से मुलाकात की है। राहुल गांधी ने सिद्दीकी कप्पन के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। सिद्दीकी कप्पन को दिल्ली से हाथरस जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था। कप्पन इस वक्त यूपी की एक जेल में बंद है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की पारंपरिक राय बरेली और अमेठी की सीट छोड़कर राहुल ने केरल के वयनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा था।
सिद्दीकी पर जातीय दंगे की साजिश रचने का आरोप
सिद्दीकी कप्पन केरल के वायनाड का रहने वाला है और खुदको पत्रकार बताता है। सिद्दीकी को यूपी पुलिस ने तीन लोगों के साथ उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब वह यूपी की मथुरा से हाथरस जा रहा था। कप्पन पर कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे संबद्ध संगठनों से संबंध रखने का आरोप है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह), 153 ए (दो समूहों में धार्मिक आधार पर शत्रुता को बढ़ाना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उस पर यूएपीए कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं।
परिवार ने राहुल से मांगी थी मदद
कप्पन के परिवार से राहुल गांधी ने वायनाड में मुलाकात की है, जिसके बाद सवाल खड़े होने लगे हैं और राजनीतिक पार्टियों ने कई तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सिद्दीकी कप्पन के परिवार ने राहुल गांधी से मदद की अपील की थी।
दो नवंबर तक के लिए बढ़ी सिद्दीकी की हिरासत
उत्तर प्रदेश में मुथरा की एक अदालत ने केरल के एक पत्रकार और तीन अन्य की न्यायिक हिरासत मंगलवार को बढ़ा दी। उन्हें हाथरस जाने के दौरान रास्ते में गिरफ्तार किया गया था। ये लोग हाथरस में 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और फिर उसकी मौत के बाद वहां जा रहे थे। पुलिस ने इस महीने के शुरू में उन्हें कोई संज्ञेय अपराध करने की मंशा रखने के शक में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था लेकिन चारों के खिलाफ बाद में राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया।
उसे सात अक्टूबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। मथुरा की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजू राजपूत ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन और तीन अन्य की न्यायिक हिरासत दो नवंबर तक बढ़ा दी। उन्हें उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया था। मथुरा के एक एसडीएम ने पत्रकार और तीन अन्य को समाज में शांति कायम रखने के लिए बॉन्ड भरने का सोमवार को आदेश दिया था।