नई दिल्ली। कोविड-19 की वैक्सीन अब ज्यादा दूर नहीं है। संभव है कि तीन सप्ताह में विश्व में कोरोना का पहला टीकाकरण शुरू हो जाए। तीन चरण के ट्रायल के बाद अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से टीकाकरण की मंजूरी मांगी है। इस पर 10 दिसम्बर को बैठक होनी है और उसी दिन इसके मंजूरी मिल जाने की संभावना है।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन : 90% प्रभावी
ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार कोविड-19 वैक्सीन 90 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई है। इस वैक्सीन के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। एस्ट्राजेनेका के चीफ एग्जिक्यूटिव पास्कल सोरियोट ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह एक बड़ी उपलब्धि है। वैक्सीन काफी ज्यादा प्रभावी पाई गई है।
10 करोड़ वैक्सीन डोज भारत में
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदर पूनावाला के अनुसार ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की 10 करोड़ डोज कंपनी जनवरी में तैयार कर लेगी। चार करोड़ डोज अब तक तैयार की जा चुकी हैं। इनमें 90 प्रतिशत की खरीद केंद्र 250 रुपये प्रति खुराक या इससे कम कीमत पर करेगा। निजी क्षेत्र को यह 500 से 600 रुपये में दी जाएंगी। इस पर कीमत 1000 रुपये होगी।
डबल डोज या सिंगल डोज
फाइजर, मोडरना और ऑक्सफोर्ड वैक्सीन दो खुराकों में, जबकि जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल और डबल डोज वैक्सीन बना रहा है, जिनके तीसरे चरण के ट्रायल अभी शुरू होने हैं।
अभी बहुत कुछ जानना बाकी है
अभी तक हमें इन वैक्सीनों के बारे में बहुत कुछ जानना है। पहला तो यह कि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में क्या ये वैक्सीन समान रूप से प्रभावी हैं। दूसरा इनके द्वारा पैदा होने वाली इम्युनिटी शरीर में कब तक रहती है।
दिसम्बर या जनवरी के शुरू तक मिल सकती है मंजूरी
नवम्बर में तीसरे चरण के ट्रायल में आगे चल रहीं कोविड वैक्सीनों को दिसम्बर के मध्य या जनवरी के शुरू में मंजूरी मिल सकती है। फाइजर-बायोएनटेक और मोडरना की वैक्सीन इस दिशा में एक बड़ी उम्मीद बनी हुई हैं।
– ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का भी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है और क्रिसमस तक इसका डाटा जारी होने की संभावना है। जॉनसन एंड जॉनसन भी इस साल के अंत तक या नए साल के शुरू में डाटा जारी हो जाने की बात कह रही है।
कौन सी वैक्सीन कितनी कारगर
-फाइजर और मोडरना की वैक्सीनों को कोरोना वायरस के खिलाफ काफी कारगर माना जा रहा है, क्योंकि ये 95 प्रतिशत तक प्रभावी है।
– रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी भी 92 प्रतिशत प्रभावी है।
– भारत की स्वदेशी कोवैक्सीन 60 प्रतिशत तक कारगर होने की बात कही जा रही है।
– कोवैक्सीन को भारत बायोटेक तैयार कर रहा है।
– अब तक फ्लू की कोई वैक्सीन 60 फीसदी से ज्यादा कारगर नहीं है।
– सार्स-सीओवी-2 वैक्सीन को मान्यता के लिए न्यूनतम प्रभावी स्तर 50 फीसदी रखा गया है।
– आमतौर पर वैज्ञानिक भी मान रहे थे कि अगर श्वासनली संक्रमण के खिलाफ 70 फीसदी तक प्रभावी वैक्सीन भी मिल जाती है तो यह एक उपलब्धि होगी।
साइड इफेक्ट
फाइजर की वैक्सीन: 3.7 फीसदी लोगों में पहली डोज के बाद थकान की शिकायत मिली और दूसरी डोज के बाद 2 प्रतिशत लोगों ने सिरदर्द की शिकायत की।
मोडरना वैक्सीन: 9.7 प्रतिशत वालंटियर्स ने थकान, 8.9 प्रतिशत ने माशपेशियों में दर्द, 5.2 प्रतिशत ने जोड़ों में दर्द की और 4.5 प्रतिशत ने सिरदर्द की शिकायत की।
ऑक्सफोर्ड वैक्सीन: साइड इफैक्ट काफी हल्के बताए गएं हैं। इनमें इंजेक्शन की जगह पर दर्द, थकान, सिरदर्द, हल्का बुखार और माशपेशियों में दर्द की शिकायतें मिलीं।
वैक्सीन की कीमत
20 डॉलर (1482.70 रुपए): फाइजर वैक्सीन की एक खुराक की कीमत रखी है। इस तरह भारत में इसकी दो खुराकें 3 हजार रुपये के आसपास रह सकती हैं।
37 डॉलर (2750 रुपए): मोडरना वैक्सीन की कीमत होगी।
5-6 डॉलर (500-600 रुपए): ऑक्सफोर्ड वैक्सीन की एक खुराक भारत में मिलेगी।
वैक्सीन का भंडारण
भंडारण के लिहाज से ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को संरक्षित करना ज्यादा आसान है। यह दो डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी सुरक्षित रहती है। जबकि फाइजर की वैक्सीन को -20 डिग्री सेल्सियस और मोडरना की वैक्सीन को भंडारण के लिए -70 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए।